स्थापना- स्वामी दयानंद सरस्वती ने 7 अप्रैल, 1875 को बॉम्बे में की थी।

संगठन के सदस्य मूर्ति पूजा, अंधविश्वासी अनुष्ठान, पशु बलि, बहुदेववाद और पुरोहितवाद के खिलाफ़ खड़े थे।

लाला लाजपत राय और स्वामी श्रद्धानंद जैसे प्रभावशाली नेता आर्य समाज से प्रेरित थे और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने आर्य समाज के मंच का उपयोग स्वतंत्रता, सामाजिक सुधारों के लिए किया।

वेदों की ओर लौटो इस संगठन का आदर्श वाक्य था।

इसके संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने दावा किया कि कोई भी वैज्ञानिक सिद्धांत या आविष्कार जिसे आधुनिक माना जाता है, वास्तव में वेदों से लिया गया था।

Arya samaj | THSR ACADEMY

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