● स्थापना -राजा राममोहन जिन्हें अक्सर भारतीय पुनर्जागरण का जनक और आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है, ने 1814 में कलकत्ता में आत्मीय सभा की स्थापना की।
●आत्मीय सभा, जिसे मित्रों का समाज भी कहा जाता है।
● सभा के उद्देश्य: – वेदांत के एकेश्वरवादी आदर्शों का प्रचार करना , जातिगत रूढ़ियों के खिलाफ अभियान चलाना, मूर्तिपूजा, बाल विवाह, और अन्य सामाजिक बुराइयों के ख़िलाफ़ अभियान चलाना
●आत्मीय सभा के कुछ प्रसिद्ध सदस्य- वृंदावन मित्रा, प्रसन्न कुमार टैगोर, द्वारका नाथ टैगोर और शिवप्रसाद मिश्रा थे।